सूपनखा को कोरोना था
- Chirag Jain
- Nov, 10, 2021
- Gyan Prakash Aakul
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रावण के घर में मची खलबली आई नयी बला सूपनखा को कोरोना था ऐसा पता चला! मंदोदरी देख रावण को करने लगी मज़ाक़ लिपट-लिपट कर तुम नकटी की पोंछ रहे थे नाक काढ़ा पियो तभी सुधरेगा फँसता हुआ गला सूपनखा को कोरोना था ऐसा पता चला! उधर लखन भी अपने घर में बैठे हैं हैरान, मास्क हटा कर ही काटे थे उसके नाक व कान, सेनिटाइज़र से हाथों को सौ-सौ बार मला सूपनखा को कोरोना था ऐसा पता चला! मेघनाथ को खाँसी आती कुम्भकरण को छींक, मगर विभीषण बचे हुये हैं अब तक तो हैं ठीक, क्वारंटीन हो गया रावण अबकी नहीं जला सूपनखा को कोरोना था ऐसा पता चला! -ज्ञानप्रकाश आकुल
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