Ashok Chakradhar
- Chirag Jain
- Feb, 08, 1951
- Prominent poets of India, Slider
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जन्म: 08 फरवरी 1951; Khurja, Uttar pradesh
शिक्षा: Ph.D.
प्रकाशन:
- रंग जमा लो
- बिटिया की सिसकी
- बंदरिया चली ससुराल
- जब रहा न कोई चारा
- जाने क्या टपके
- कोयल का सितार
- स्नेहा का सपना
- हीरों की चोरी
- एक बगिया में
- नयी डगर
- अपाहिज कौन
- हमने मुहिम चलाई
- भई बहुत अच्छे
- मंच मचान
- बदल जाएगी रेखा
- ताउम्र का आराम
- घर के ऊपर हंडिया
- तो क्या होता जी
- ऐसे होती है शादी
- रोती ये धरती देखो
- कब तलक सहती रहें
- अपना हक़ अपनी ज़मीन
- कहानी जो आँखों से बही
- और पुलिस पर भी
- मजदूरी की राह
- जुगत करो जीने की
- और कितने दिन
- चुटपुटकुले
- बोलगप्पे
प्रसारण:
- Doordarshan
- All India Radio
- SAB TV
- Sony TV
- Colors TV
- Zee News
- India TV
- Star News
- DD Kisan
पुरस्कार एवम् सम्मान
- पद्मश्री, भारत सरकार
- यश भारती, Uttar Pradesh सरकार
- Kaka Hathrasi पुरस्कार, Hindi अकादमी, दिल्ली सरकार
विदेश यात्राएँ:
- United States of America
- United Kingdom
- Australia
- Canada
- Hong Kong
- Indonesia Indonesia
- Russia
- UAE
- Thailand
- Pakistan
- Oman
- Qatar
- Japan
- China
- Singapore
- Nepal
वर्तमान निवास: New Delhi
विशेष:
- बॉलीवुड फिल्म Panipat के संवाद लेखन।
- विश्वभर में Hindi कवि-सम्मेलनों में अपने दौर के सर्वाधिक प्रतिष्ठित रचनाकारों में अग्रणी।
- भारत सरकार के विविध मन्त्रालयों की राजभाषा सलाहकार समिति के सदस्य।
- ब्रजभाषा की फीचर फिल्म ‘जमुना किनारे’ की पटकथा
- गुलाबरी, जीत गयो छैनू, मास्टर दीपचन्द, हाय मुसद्दी, झूमे बाला झूमे बाली और तीन नज़ारे समेत अनेक टेलीफिल्म्स का निर्माण।
- भोर तरंग, ढाई आखर, बुआ भतीजी और बोल बसन्तो जैसे धारावाहिकों का लेखन तथा निर्देशन।
- पंगु गिरि लंघे, गोरा हट जा, साक्षरता निकेतन, विकास की लकीरें, हर बच्चा हो कक्षा पाँच जैसे वृत्तचित्रों का निर्माण।
- Jamia Millia Islamia में Hindi विभाग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त।
- Hindi के प्रतिष्ठित समाचार पत्र में ‘चौं रे चम्पू’ शीर्षक से लोकप्रिय व्यंग्य स्तम्भ।
- केन्द्रीय Hindi निदेशालय के उपाध्यक्ष पद का निर्वहन।
- Hindi अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष पद का निर्वहन।
डॉ. अशोक चक्रधर का व्यक्तित्व Hindi भाषा तथा Hindi से सम्बन्धित विविध कलाओं को समर्पित है। वे न केवल Kavi Sammelan जैसे परम्परागत Hindi मंच के शीर्ष पर हैं, वरन् Hindi प्रसार के अत्याधुनिक माध्यम Unicode के भी स्वप्नदृष्टा हैं। Vishwa Hindi Sammelan जैसे अन्तरराष्ट्रीय कार्यक्रम के प्रबंधन में रहे अशोक जी अनवरत कर्म में विश्वास रखते हैं। नाटक, कविता, गद्य, फिल्म, वृत्तचित्र और न जाने कितनी ही कलाओं में पारंगत श्री अशोक चक्रधर स्वयं में एक चलते-फिरते संस्थान हैं। Hindi और Hindi poetry के प्रति उनके समर्पण का ही परिणाम है कि Hindi के क्षेत्र में दिए जाने वाले लगभग सभी पुरस्कार तथा सम्मान डॉ. अशोक चक्रधर के खाते में आते हैं। अपनी प्रत्युत्पन्नमति तथा शब्दों से खेलने के कौशल से डॉ. अशोक चक्रधर एक साथ चार पीढ़ियों के चहेते कवि हैं।
बहुत खूब भैया