Bhagwan Makarand
- Chirag Jain
- Jul, 05, 1971
- Prominent poets of India
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वास्तविक नाम : भगवान दास
जन्म: 05 जुलाई 1971; कामां (जिला Bharatpur) Rajasthan
शिक्षा: स्नातकोत्तर (Hindi तथा अंग्रेजी) Ph.D.
पुरस्कार तथा सम्मान:
- राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान (Rajasthan का सर्वोच्च शिक्षक सम्मान)
- ब्रजभाषा विभूषण सम्मान
- साहित्यांचल सम्मान
- हास्यश्री सम्मान
- सेठ हज़ारीमल बाँठिया सम्मान
- राधेलाल शर्मा स्मृति पुरस्कार
- जिला कलेक्टर भरतपुर द्वारा जिला स्तरीय सम्मान
- नागरिक अभिनन्दन
प्रकाशन:
- मैं कामवन हूँ (ग्रन्थ)
- मकरन्द माधुरी (काव्य-संग्रह)
- कामवन कुसुमांजलि
विदेश यात्रा:
- UAE
वर्तमान निवास: Kaman, Bharatpur, Rajasthan
श्री भगवान मकरन्द Rajasthan के उस क्षेत्र के निवासी हैं जो पूरी तरह Braj के रंग में रचा-बसा है। काव्य के संस्कार इन्हें विरासत में मिले हैं। आप अष्टछाप के सिद्ध कवि श्री Govind Swami के वंशज हैं। यही नहीं आप वर्तमान में संगीत के क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। ध्रुपद-धमार की पदगायन शैली ‘हवेली संगीत’ के दुर्लभ गायकों में से आप एक हैं। लेखन तथा गायन के अतिरिक्त अभिनय में भी आपने कीर्तिमान स्थापित किये हैं। आप दर्जन भर टेलीविज़न चैनल्स पर अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। कला के इतने विविध रूपों से गुज़रने के कारण ही आपका हास्य शिष्ट भी है और प्रभावी भी। आप समसामयिक विषयों पर तो क़लम चलाते ही हैं, साथ ही सामाजिक परिष्करण हेतु आवश्यक लेखकीय दायित्वों का भी भली-भाँति निर्वहन करते हैं। हास्य को गाकर प्रस्तुत करने वाले चन्द मंचीय कवियों में आप अग्रणी हैं।