गुरु और शिष्य
- Chirag Jain
- Oct, 21, 2021
- Aashkaran Atal
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गुरु ने चेले से कहा लेटे-लेटे- कि उठ के पता लगाओ बरसात हो रही है या नहीं बेटे! तो चेले ने कहा- ये बिल्ली अभी-अभी बहार से आयी है इसके ऊपर हाथ फेर कर देख लीजिये अगर भीगी हुई हो तो बरसात हो रही है समझ लीजिये। गुरु ने दूसरा काम कहा कि सोने का समय हुआ ज़रा दीया तो बुझा दे बचुआ! बचुआ बोला- आप आँखें बन्द कर लीजिये दीया बुझ गया समझ लीजिये। अन्त में गुरु ने कहा हारकर कि उठ किवाड़ तो बन्द कर तो शिष्य ने कहा, कि गुरुवर थोड़ा तो न्याय कीजिये दो काम मैंने किये हैं एक काम तो आप भी कर दीजिये। -आशकरण अटल
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