रक्षाबन्धन
- Chirag Jain
- Nov, 10, 2021
- Aradhana Singh Anu
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पावन है अनमोल ये, राखी का त्यौहार। कच्चे धागे में बंधा, है बहना का प्यार।। भाई देगा मोल क्या, राखी है अनमोल। कीमत इसकी प्यार है, बस मीठे दो बोल।। भाई होते हैं सदा, बहना का अभिमान। इनमें बसते हैं सदा, हर बहना के प्राण।। माँ की परछाई बहन, है बाबुल के प्राण। राखी का त्योहार है, भाई का अभिमान।। ना कोई धन चाहिए, ना कोई उपहार। भाई देना बस मुझे, बाबुल जैसा प्यार।। - आराधना सिंह 'अनु'
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