ये रातें नई-पुरानी
- Chirag Jain
- Nov, 10, 2021
- Anand Bakshi
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ये रातें नई-पुरानी आते-जाते कहती हैं कोई कहानी आ रहा है देखो कोई, जा रहा है देखो कोई सबके दिल हैं जागे-जागे, सबकी ऑंखें खोई-खोई ख़ामोशी से करती है बातें क्या समा है, जैसे ख़ुश्बू उड़ रही हो कलियों से गुज़री हो निंदिया में पलकों की गलियों से सुन्दर सपनों की बारातें कौन जाने कब चलेंगी किस तरफ़ से ये हवाएँ साल भर तो याद रखना, ऐसा ना हो भूल जाएँ इस रात की मुलाक़ातें फिल्म : जूली संगीतकार : राजेश रोशन स्वर : लता मंगेशकर -आनन्द बख्शी
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