मन वृन्दावन

मन वृन्दावन

मन वृन्दावन, कान्हा है विश्वास रे
सुधियाँ सखियाँ और राधिका प्यास रे

गीतों के हैं कुंज, कामना की कलियाँ
संकल्पों की राह, भावना की गलियाँ
ध्यान कदम्ब समान, साधना कालिन्दी
विविध विचारों की उड़तीं विहगावलियाँ
जीवन, ज्यों उपवन, मस्ती मधुमास रे
सुधियाँ सखियाँ और राधिका प्यास रे

निश्चय का गिरिराज, आस्था के मन्दिर
सुख-दुःख भरे विहार, दृश्य अभिनव सुन्दर
अभिलाषावन काम, प्रेम है वंशीवट
भक्ति रंगीला रास, इन्दु दृग के अन्दर
धड़कन धीमा राग, बाँसुरी साँस रे
सुधियाँ सखियाँ और राधिका प्यास रे

साहस ही बलराम, ग्वाल उत्साह सबल
दुर्बलताएँ दैत्य, कंस विद्वेष प्रबल
त्याग-तपोबल नन्द, यशोदा दया-क्षमा
उद्भव ज्ञान-विवेक, धर्म अक्रूर अटल
देह स्वयं बृृजमण्डल का आभास रे
सुधियाँ सखियाँ और राधिका प्यास रे

-पंडित विश्वेश्वर शर्मा

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