आज न रो मेरे मन मेरे!
- Chirag Jain
- Nov, 10, 2021
- Balveer Singh Rang
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आज न रो मेरे मन मेरे! कीमत क्या तेरे रोने की? रोकर अपनापन खोने की, पल-पल पर विह्वल हाने की, माप सकेगा कौन जगत में रोदन के क्षण तेरे? तब जग तुझ पर मान करेगा, तब तेरा गुणगान करेगा; तब तेरी पहिचान करेगा, जिस दिन सुख-दुख होंगे, तेरे अनुशासन के चेरे ! आज विवश मेरा चंचल मन, आज विवश मेरा जर्जर-तन; आज विवश है सारा जीवन; इतनी परवश्ताओं में भी विवश न गायन मेरे ! -बलवीर सिंह ‘रंग’
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