करनी-कथनी
- Chirag Jain
- Nov, 10, 2021
- Shishupal Singh Nirdhan
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करनी-कथनी में जबकि दूरी है गीत की व्यंजना अधूरी है गीत हो, आत्मा की भाषा हो वरना लिखना ही क्या ज़रूरी है -शिशुपाल सिंह निर्धन
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करनी-कथनी में जबकि दूरी है गीत की व्यंजना अधूरी है गीत हो, आत्मा की भाषा हो वरना लिखना ही क्या ज़रूरी है -शिशुपाल सिंह निर्धन