सर्दी नैनीताल गयी

सर्दी नैनीताल गयी

लंबी छुट्टी लेकर सर्दी नैनीताल गयी

अपने साथ ले गयी गेंदा दुपहरिया के फूल
उसे भेजने गये दूर तक सिंघड़ी लदे बबूल
गर्वीले टेसू की सारी ठसक निकाल गयी
लंबी छुट्टी लेकर सर्दी नैनीताल गयी

सूरज को दे गयी दिवस भर तपने का अधिकार,
कोयल से कह गयी गीत गाने हैं अबकी बार।
जाते जाते गेंहूँ में भी दाने डाल गयी
लंबी छुट्टी लेकर सर्दी नैनीताल गयी

सूरज अत्याचारी निकला उड़ा ले गया नीर
कोयल के गीतों की निकली बड़ी गरम तासीर
मुड़कर इधर न देखा जब से वह ननिहाल गयी
लंबी छुट्टी लेकर सर्दी नैनीताल गयी

ज्ञानप्रकाश आकुल

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