बगुले सत्तासीन हुए हैं

बगुले सत्तासीन हुए हैं

शीत कक्ष के अंदर मैंने श्रमजल का झरना देखा है
नम होती पलकों के भीतर आँसू का मरना देखा है
झूठे आश्वासन के बल पर, बगुले सत्तासीन हुए हैं
ऊपर-ऊपर हाँ करते हैं भीतर-भीतर ना देखा है

-महेश गर्ग बेधड़क

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