मुझको माफ़ करना
- Chirag Jain
- Feb, 04, 2022
- e-patrika, Kunwar Bechain
- No Comments
कल समय की व्यस्तताओं से निकालूंगा समय कुछ
फिर भरूंगा ख़ुद तुम्हारी मांग में सिन्दूर
मुझको माफ़ करना
आज तो इस वक़्त काफ़ी देर ऑफिस को हुई है
हाँ ज़रा सुनना वो मेरी पेंट है ना
वो फटी है, जो अकेले पाँयचों पर
तुम ज़रा उसमें लगाकर चन्द टाँके
शर्ट के टूटे बटन भी टाँक देना
इस तरह से, जो नयी हर कोई आँके
कल थमे वातावरण से, मैं निकालूंगा प्रलय कुछ
ले चलूंगा फिर तुम्हें इस भीड़ से भी दूर
मुझको माफ़ करना
आज तो इस वक़्त काफ़ी देर, ग्यारह पर सुई है
क्या कहा, है आज पप्पू का जन्मदिन
तुम सुनो, ये बात पप्पू से न कहना
और दिन भर तुम उसी के पास रहना
यदि करे तुमको परेशां, मारना मत
और हाँ, तुम भी कहीं मन हारना मत
कल पराजय के जलधि से, मैं निकालूंगा विजय कुछ
फिर मनायेंगे जन्मदिन की ख़ुशी भरपूर
मुझको माफ़ करना
आज तो ये जेब भी मेरी फटेपन ने छुई है
-कुँअर बेचैन
- Go Back to »
- e-patrika »
This post is visited : 654
Archives:
- ► 2024 (3)
- ► 2023 (47)
- ► 2022 (510)
- ► 2021 (297)
- ► 2020 (14)
- ► 2019 (254)
- ► 2018 (8)
- ► 2017 (138)
- ► 2016 (14)
- ► 2015 (1)
- ► 2014 (5)
- ► 2012 (1)
- ► 2000 (8)
- ► 1999 (1)
- ► 1997 (1)
- ► 1995 (1)
- ► 1993 (1)
- ► 1992 (2)
- ► 1991 (2)
- ► 1990 (2)
- ► 1989 (2)
- ► 1987 (1)
- ► 1985 (2)
- ► 1984 (3)
- ► 1983 (2)
- ► 1982 (3)
- ► 1981 (4)
- ► 1980 (1)
- ► 1979 (2)
- ► 1978 (3)
- ► 1977 (3)
- ► 1976 (5)
- ► 1975 (3)
- ► 1974 (2)
- ► 1973 (1)
- ► 1972 (3)
- ► 1971 (5)
- ► 1969 (1)
- ► 1968 (4)
- ► 1967 (2)
- ► 1966 (3)
- ► 1965 (2)
- ► 1964 (5)
- ► 1963 (2)
- ► 1962 (3)
- ► 1961 (1)
- ► 1960 (1)
- ► 1959 (4)
- ► 1958 (1)
- ► 1955 (1)
- ► 1954 (2)
- ► 1953 (1)
- ► 1951 (2)
- ► 1950 (4)
- ► 1949 (1)
- ► 1947 (1)
- ► 1945 (2)
- ► 1942 (2)
- ► 1940 (1)
- ► 1939 (1)
- ► 1934 (1)
- ► 1932 (1)
- ► 207 (1)