Sanjay Jhala
- Chirag Jain
- May, 01, 1972
- Prominent poets of India
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जन्म: 01 मई 1972; Dausa, Rajasthan
शिक्षा: स्नातकोत्तर।
संप्रति: Rajasthan सरकार में वरिष्ठ अधिकारी।
पुरस्कार एवम् सम्मान:
- भारत की राष्ट्रपति श्रीमती Pratibha Patil द्वारा सम्मानित
- अखिल भारतीय रंग-तरंग सम्मान (Madhya Pradesh)
- Rajasthan गौरव सम्मान (2009)
- अट्टहास युवा रत्नाकर सम्मान, Uttar Pradesh (2009)
- चालीसवां अखिल भारतीय टेपा सम्मान
- ‘कविता सम्मान’, SAB TV, Waah Waah Kyta Baat Hai
प्रकाशन:
- शूर्पनखा की नाक (व्यंग्य)
- भ्रष्ट सत्यम् जगत् मिथ्या (व्यंग्य)
- तू डाल-डाल मैं पात-पात (व्यंग्य)
- सुनि-सुनि आवे हाँसी (व्यंग्य)
प्रसारण:
- Doordarshan
- SAB TV, Waah Waah Kyta Baat Hai
- NDTV India
- News Nation, Chakkallas
- Daband TV
- Live India
विदेश यात्राएँ:
- Oman
- Hong Kong
- Thailand
- Indonesia
- malaysia
- United States of America
- Singapore
विशेष:
- Doordarshan धारावाहिक ‘Naya Sawera’ में प्रमुख भूमिका
- ETV पर ‘एजी-ओजी-सुनोजी’ की पटकथा तथा संचालन
व्यंग्य की दुनिया में जिन थोड़े से हस्ताक्षरों ने अपने अलग अंदाज़ से अपनी पहचान बनाई है, उनमें से संजय झाला एक हैं। आजकल जिस कला को ‘Mimicry’ कहा जाता है, उसी अनुकृति कला में श्री संजय झाला जन्म से पारंगत हैं। मनुष्य के व्यवहार पर उनकी पैनी निगाह तथा सामाजिक घटनाक्रमों पर उनकी गहरी दृष्टि उनके लेखन को समृद्ध करने में बड़ी भूमिका निबाहती है। वे किसी घटना का स्थूल ही नहीं, बल्कि उसका सूक्ष्म मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करने की क्षमता रखते हैं। Kavi Sammelan के मंच पर उनकी प्रस्तुति ऊर्जा, हास्य तथा विविधता से परिपूर्ण रहती है।
Sanjay Jhala is the name of intellect satires as well as humor too. He delivers punches in his unique style. He generate laughter through his by birth ability of “Anukriti”. Sanjay watches things with a critic eye, he think them with a poetic brain and express his thoughts with a smiling attitude. He is a ring master of languages. He is expert of Sanskrit, English and Hindi language.
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