तुम बिन मैं कैसे जी लूंगा
- Chirag Jain
- Jan, 15, 2022
- Vijay kanaujiya
- No Comments
कैसे मैं तुमको भूलूंगा तुम बिन मैं कैसे रह लूंगा साथ अगर मेरा छोड़ा तो तुम बिन मैं कैसे जी लूंगा प्रेम डोर तोड़ो मत ऐसे जोड़ेंगे फिर इसको कैसे टूटा अगर भरोसा अपना तुम बिन मैं कैसे सह लूंगा विरह वेदना कब भाता है ये बस आंसू दे जाता है रोते-रोते भला बताओ तुम बिन मैं कैसे हंस लूंगा त्याग समर्पण सब कुछ मैंने तुमको अर्पण कर डाला है वीराने इस प्रेम भवन में तुम बिन मैं कैसे रह लूंगा तुम ही तो मेरी कविता हो लिखने की तुम ही प्रतिभा हो भाव अगर छिन जाएंगे तो तुम बिन मैं कैसे लिख लूंगा तुम बिन मैं कैसे लिख लूंगा -विजय कनौजिया
This post is visited : 389