अपनी भी इक प्रेम-कहानी
- Chirag Jain
- Nov, 02, 2021
- Kehsav Sharan
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मैं उसका दीवाना, मेरी वो दीवानी हो जाये इस दुनिया में अपनी भी इक प्रेम-कहानी हो जाये सारे काँटे, सारे पत्थर फूलों में ढल जायेंगे मेरे साथ अगर वो चल दे राह सुहानी हो जाये मधुमास सही में आया है दिल से निकले ख़ुद ही ख़ुद पीली अँगिया के ऊपर जब चूनर धानी हो जाये बात यही है जिस पर दिल का सारा क़िस्सा ठहरा है मैं इक तन्हा राजा हूँ मेरी भी रानी हो जाये हो जायेगी खोली मेरी इकदम-से दौलतख़ाना दिल जिसका है चोली पीछे वो जो दानी हो जाये घोर निराशाएँ पालेगा क्यों फिर वो अपने दिल में भूखे-प्यासे का जो हर दिन दाना-पानी हो जाये सब दौलत हो, सब शुहरत हो, सब सुख हो, सब सुविधा हो प्यार नहीं है जीवन में तो सब बेमानी हो जाये -केशव शरण
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