कहो तो सही
- Chirag Jain
- Nov, 08, 2021
- Ansar Qambari
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क्या नहीं कर सकूंगा तुम्हारे लिए शर्त ये है कि तुम कुछ कहो तो सही चाहे मधुबन में पतझार लाना पड़े या मरुस्थल में शबनम उगाना पड़े मैं भगीरथ-सा आगे चलूंगा मगर तुम पतित पावनी-सी बहो तो सही पढ़ सको तो मेरे मन की भाषा पढ़ो मौन रहने से अच्छा है झुंझला पड़ो मैं भी दशरथ-सा वरदान दूंगा तुम्हें युद्ध में कैकेयी-सी रहो तो सही हाथ देना न संन्यास के हाथ में कुछ समय तो रहो उम्र के साथ में एक भी लांच्छन सिद्ध होगा नहीं अग्नि में जानकी-सी दहो तो सही -अंसार क़म्बरी
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