पेड़ का राज़

पेड़ का राज़

नगर के गांधी पार्क में
लगा हुआ था एक वृक्ष
जिसके नीचे
शाम के वक़्त
माॅडर्न लैला-मजनू
हीर-रांझा
सोनी-महिवाल
और शीरी-फरहाद आते थे
जन्म-जन्म तक
साथ निभाने की क़समें खाते थे
लेकिन प्रातः होते ही
सब भूल जाते थे
ये सब माॅडर्न जोड़े
इस वृक्ष के नीचे करके वायदे
वृक्ष से हटते ही
क्यों करते हैं बेवफ़ाई
यह बात मेरी समझ में नहीं आई।

मैंने जब की
इस बात की खोज
तब कहीं जाकर एक रोज़
एक बुज़ुर्ग ने
यह बात बताई थी
कि इस वृक्ष की पौध
पर्यावरण दिवस पर
एक दल-बदलू नेता ने लगाई थी

-हुक्का बिजनौरी

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