तुम करना नित्य प्रयास
- Chirag Jain
- Nov, 02, 2021
- Ashutosh Anand Dubey
- 3 Comments
सुंदर वन की आशा छोडो़
झरने की कलकल को मोडो़
मोहक फूलों की खुशबू से
दूर कंटकों में पथ फोडो़
पथरीली राहों को चुनकर
लिख देना इतिहास
दुर्गम पथ के अनुगामी
तुम करना नित्य प्रयास
सूरज खड़ी दुपहरी वाला
या बादल हो बिल्कुल काला
झंझावातों का हो प्रकोप
या ऊँची हो पर्वतमाला
कठिन राह चलकर ही आगे
जीतोगे विश्वास
दुर्गम पथ के अनुगामी
तुम करना नित्य प्रयास
पीड़ा से ही सुख उपजेगा
मधुर गान हर ओर बजेगा
मन की कठिन तपस्या से ही
मनवांछित परिणाम सजेगा
एक, जन्म लें कारागृह में
एक चले वनवास
दुर्गम पथ के अनुगामी
तुम करना नित्य प्रयास
© आशुतोष 'आनंद' दुबे
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बहुत सुंदर , भावनाओं और प्रेरणा से जगमगाती हुई रचना।
कवि को बहुत साधुवाद
आभार कविग्राम
एक जन्म ले कारागृह में एक चले वनवास……
बहुत सुंदर 💕 भाषा और भावों का सुन्दर समन्वय।
बहुत सुंदर रचना।