मुँह खोलो
- Chirag Jain
- Nov, 10, 2021
- Mahesh Garg Bedhadak
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जंगल में आतंक मचा है मुँह खोलो बहुत हुआ; अब इंक़लाब के सुर बोलो या फिर शेरों की चंपी से फ़ारिग़ हो भेड़ों पर उस्तरा चलाकर ख़ुश हो लो -महेश गर्ग बेधड़क
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जंगल में आतंक मचा है मुँह खोलो बहुत हुआ; अब इंक़लाब के सुर बोलो या फिर शेरों की चंपी से फ़ारिग़ हो भेड़ों पर उस्तरा चलाकर ख़ुश हो लो -महेश गर्ग बेधड़क